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Showing posts from May, 2019

चाँद को देखो

घर से बाहर निकल कर उसने आसमान को देखा, और देखती रह गयी... आज चाँद अधबुध था... पहाड़ों के ऊपर, सुनहेरा सा, अभी अभी उगता हुआ... काफी देर तक वो चाँद को ताकती रही... फोन से फोटो खींची वॉटस्‍प्प खोला, नाम ढूंढा, मैसेज टाइप किया "चाँद को देखो..." फिर मिटा दिया, फोन जेब में रखा और फिर चाँद को देखने लगी... अपने चार रम का कोटा पूरा कर वो प्रेस क्लब से बाहर निकला आसमां पे नज़र गयी, चाँद को देखा तो देखता रह गया... फोन निकाला, चेक किया, कोई मैसेज नहीं था... वॉटस्‍प्प खोला, नाम ढूंढा, टाइप किया "आज तुमने चाँद को देखा?" फिर मिटा दिया, फोन जेब में रखा और फिर चाँद को देखने लगा... अपने 23इसवे माले के घर में वो अकेला बैठा था... बाल्कनी में आया, सिगरेट जलाई और सामने देखा... देखता रह गया... चाँद आज अपने पूरे निखार पे था... फोन उठाया, वॉटस्‍प्प खोला, नाम ढूंढा मैसेज स्क्रोल किया... "चाँद को देखो! हम रहे ना रहे, जब कभी भी चाँद को देखना, खासकर  पूरे चाँद को, तो मुझे याद कर लेना..." मैसेज टाइप किया... "मिसिंग यू"... फिर मिटा दिया, फोन जेब में रखा, स