जो हवा तेरी, वही मेरी, जो धरती तेरी वही मेरी भी इस सड़क पे जितना हक़ तेरा उतना ही मेरा भी फिर क्यूँ मुझे है दहशत तुझसे और तुझे है नफ़रत मुझसे? (c) shubhra, January 3, 2013
Painting with words, telling stories, expressing life...
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