किसने कहा कि ज़िंदगी आसान होगी
पर सोचो ज़रा इतनी मुश्किल भी तो नही
घास पे ना चले तो क्या
पर सीखा संभालना हमने पथर पे चलके ही
किसने कहा कि ज़िंदगी आसान होगी
पर सोचो तो इतनी मुश्किल भी नही
सीखा है संभालना पत्थरों पे चलके
पर ऐसा नही कि घास के काबिल भी नही
शुभ्रा, जन्वरी 29 2008
पर सोचो ज़रा इतनी मुश्किल भी तो नही
घास पे ना चले तो क्या
पर सीखा संभालना हमने पथर पे चलके ही
किसने कहा कि ज़िंदगी आसान होगी
पर सोचो तो इतनी मुश्किल भी नही
सीखा है संभालना पत्थरों पे चलके
पर ऐसा नही कि घास के काबिल भी नही
शुभ्रा, जन्वरी 29 2008
Comments
Loved this one.
Manjul
जन्म लेता, मर जाता और क्या होता
ना प्यार, ना तकरार ना दिल टूटना होता
बेवफाई, वफा के रंग से अंजान होता
क्या खुशी होती है और क्या गम ये बताने वाला कोई ना होता
जिंदगी की तो राह ही मुश्किल है ये समझाने वाला कौन होता
अब तो पहचान लो हमको, क्योंकि बताने वाला कोई ना होता