कलफ़ लगी हुई सूती सारी का पल्ला (जो की रात तक मुस चुका था),
उसने कमर में खोसा हुआ था...
आज वो ज़्यादा थॅकी हुई थी पर नींद गायब थी...
नवेंबर की सर्दी में बाहर छत पे खड़ी हुई
वो चाँद को ताक रही थी
और काँप भी रही थी...
गुज़रे दिन को याद करते हुए सोच रही थी...
क्या वो भी इस समय जागा हुआ
चाँद को देख रहा होगा?
उसने कमर में खोसा हुआ था...
आज वो ज़्यादा थॅकी हुई थी पर नींद गायब थी...
नवेंबर की सर्दी में बाहर छत पे खड़ी हुई
वो चाँद को ताक रही थी
और काँप भी रही थी...
गुज़रे दिन को याद करते हुए सोच रही थी...
क्या वो भी इस समय जागा हुआ
चाँद को देख रहा होगा?
(c) Shubhra, 12th November, 2013
12/11/13
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