नींद भरी आँखें
न सोती न जगती आँखें
न कुछ कह कर भी
सब कुछ कहती आँखें
रोज़ नये ख्वाब देखती आँखें
प्यार की खुशी से दमकती आँखें
यार के इंतज़ार में मचलती आँखे
नज़रों में लम्हात बटोरती आँखें
रोज़ कयी ख्वाब बुन्ति आँखें
गम में नम आँखें
टूटे ख्वाबों पर रोती आँखें
यार की जुदाई में उदास आँखें
अपने माज़ी को हर शय में खोजती आँखें
अश्कों को पलकों पर रोकती आँखें
मन का आईना हैं आँखें
ख्वाबों की तस्वीर हैं आँखें
झरोखा मेरी दुनिया का, ये आँखें
ये ख़ामोश आँखें, मेरी ख़ामोश आँखें
शुभ्रा
27/12/06 at 1 am
न सोती न जगती आँखें
न कुछ कह कर भी
सब कुछ कहती आँखें
रोज़ नये ख्वाब देखती आँखें
प्यार की खुशी से दमकती आँखें
यार के इंतज़ार में मचलती आँखे
नज़रों में लम्हात बटोरती आँखें
रोज़ कयी ख्वाब बुन्ति आँखें
गम में नम आँखें
टूटे ख्वाबों पर रोती आँखें
यार की जुदाई में उदास आँखें
अपने माज़ी को हर शय में खोजती आँखें
अश्कों को पलकों पर रोकती आँखें
मन का आईना हैं आँखें
ख्वाबों की तस्वीर हैं आँखें
झरोखा मेरी दुनिया का, ये आँखें
ये ख़ामोश आँखें, मेरी ख़ामोश आँखें
शुभ्रा
27/12/06 at 1 am
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